शुक्रवार, 20 मई 2011

गुनगुनी सी धूप

सर्दी पहली धूप
गुदगुदाए, बिसराए
दूर देश कहीं ले जाए।
बर्फ की चादर फैली
लोगों की हंसी ठिठोली
चाय का गर्म प्याला
ले जाए दूर कहीं, दूर कहीं।
गर्म कपड़ों की राहत
अंगीठी की गर्माहट
ठिठुरते लोगों का जमघट
ले जाए दूर कहीं, दूर कहीं।
मुंह से निकलता धुंआ,
सर्दी से ठिठुरते लोगों का कारवां
गुनगुनी धूप पाने को बेकल मन,
ले जाए दूर कहीं-दूर कहीं

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