शुक्रवार, 20 मई 2011

हमें पाना है

नन्हें कदम बढ़ाना है
जीवन में हमें कुछ पाना है,
भविष्य हैं देश का कहते हैं सभी
उम्मीदों की उस लौ को जलाना है
आगे बढ़ते जाना है।
बस्ता भारी कंधों पर जिम्मेदारी
आंखों में सपने
मंजिल है कदमों पर अपने
सही रास्ते पर चलते जाना है।
मां का लाडला,
पिता का प्यारा
सारे जग पर राज हमारा
ऐसी अलख जगाएंगे
धरती पर सितारे लाएंगे
हम आगे बढ़ते जाएंगे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें